Gym owner’s murder: two more arrested
दक्षिणी दिल्ली के पॉश इलाके ग्रेटर कैलाश में जिम मालिक नादिर शाह की हत्या ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। इस मामले में दो और आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ अब तक कुल सात लोग हिरासत में लिए जा चुके हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपी पंकज कुमार और सचिन यादव, दोनों 20 साल के हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से पकड़ा गया। इसके बावजूद, पुलिस के लिए दो प्रमुख संदिग्ध, मधुर और राजू, अभी भी पकड़ से बाहर हैं, और उनकी गिरफ्तारी के लिए जोर-शोर से तलाशी अभियान जारी है।
नादिर शाह की हत्या: घटनाक्रम और प्रारंभिक जांच
35 वर्षीय नादिर शाह, जो ग्रेटर कैलाश इलाके में एक जिम के मालिक थे, 12 सितंबर को मोटरसाइकिल पर सवार दो अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारे जाने के बाद घटनास्थल पर ही मौत के घाट उतार दिए गए। यह घटना शहर के उस हिस्से में हुई जहां ऐसी घटनाएं दुर्लभ हैं, इसलिए यह मामला तेजी से पुलिस और मीडिया के ध्यान में आ गया।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि हत्या किसी व्यक्तिगत दुश्मनी या वित्तीय विवाद का परिणाम हो सकती है। इसके बाद, पुलिस ने इस मामले में संगठित अपराधियों की संलिप्तता की संभावना पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया।
गिरफ्तारियां और मुख्य संदिग्ध
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि हत्या के तार जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और हाशिम बाबा से जुड़े हो सकते हैं। हालाँकि, गहराई से जांच करने पर, यह सामने आया कि इस हत्या के पीछे हाशिम बाबा के करीबी सहयोगी समीर बाबा का हाथ था। समीर बाबा ने इस हत्या को अंजाम देने का निर्देश दिया था। इसके पीछे की वजह मृतक नादिर शाह का एक व्यापारी और जेल में बंद गैंगस्टरों के सहयोगियों के बीच वित्तीय विवाद में हस्तक्षेप करना बताया जा रहा है।
हत्या की साजिश: समीर बाबा और गैंगस्टर नेटवर्क
समीर बाबा, जो गैंगस्टर हाशिम बाबा का करीबी सहयोगी है, ने इस हत्या की योजना बनाई। समीर और हाशिम का आपराधिक नेटवर्क दिल्ली और उत्तर भारत के कई हिस्सों में फैला हुआ है। पुलिस का कहना है कि नादिर शाह ने एक वित्तीय विवाद में हस्तक्षेप किया था, जो समीर बाबा के सहयोगियों और एक व्यापारी के बीच चल रहा था। इसके बाद, नादिर शाह को रास्ते से हटाने के लिए समीर बाबा ने अपने गुर्गों को हत्या का आदेश दिया।
यह बात सामने आई है कि समीर बाबा और उसके सहयोगी अपनी गैंग की गतिविधियों को जेल से भी संचालित करते हैं। हाशिम बाबा और लॉरेंस बिश्नोई जैसे गैंगस्टर, जो जेल में बंद हैं, अपनी बाहरी नेटवर्क और सहयोगियों के माध्यम से अपराधों को अंजाम दिलाते हैं। यह घटना इस बात को उजागर करती है कि कैसे संगठित अपराधी अपने कारनामों को जेल से भी आसानी से संचालित कर सकते हैं।
पुलिस की जांच और चुनौतियां
दिल्ली पुलिस ने इस जघन्य हत्या की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया था, जिसने काफी तेजी से कार्रवाई करते हुए अब तक सात संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। पंकज कुमार और सचिन यादव की गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से की गई, जो यह संकेत देती है कि संदिग्ध अपराधी घटना के बाद भागने की कोशिश में थे। पुलिस का मानना है कि ये दोनों आरोपी हत्या के समय मुख्य भूमिका में थे और उनकी गिरफ्तारी से मामले के बाकी पहेलियों को सुलझाने में मदद मिलेगी।
हालांकि, दो मुख्य शूटर मधुर और राजू अभी तक फरार हैं, और उनकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस कई राज्यों में सघन तलाशी अभियान चला रही है। इसके अलावा, पुलिस यह भी देख रही है कि इस हत्या में और कौन-कौन से गैंगस्टर और अपराधी जुड़े हो सकते हैं। यह जांच न केवल एक हत्या तक सीमित है, बल्कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में सक्रिय गैंगस्टर नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में भी काम कर रही है।
पुलिस की कार्रवाई और भविष्य की चुनौतियां
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए कई संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इसके बावजूद, यह मामला पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। दो प्रमुख शूटरों की फरारी और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और हाशिम बाबा के नेटवर्क की जड़ें कितनी गहरी हैं, यह भी पुलिस के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।
इसके अलावा, संगठित अपराधियों की आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए पुलिस को जेल के अंदर की व्यवस्थाओं को भी और अधिक सख्त करना होगा। जेल के भीतर से अपराधियों द्वारा बाहरी दुनिया में अपराध करवाने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, और इस पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की जरूरत है।